कराची। विश्व को आतंकवाद से दहलाने वाला पाकिस्तान अपने ही घर में पक्षपात करता नजर आ रहा है। पाकिस्तान में हिन्दूओं की लड़कियों को जबरन मुस्लिम बनाया जाता है और प्रशासन अंधा बना रहता है, आवाज उठाने पर गूंगा बन जाता है। जब हिन्दू परिवार अपनी बेटियों को और उनकी इज्जत नहीं बचा पाते तो इस जालिम समाज में कैसे अपना जीवन यापन करते होंगे।
यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के ग्रामीण इलाके की है जहां हिंदू समुदाय की एक नाबालिग लड़की की शादी जबरन एक मुसलमान युवक के साथ करा दी गयी है। पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के सदस्यों ने सरकार से मांग की कि जबरन धर्मपरिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन कड़े कदम उठाए। महिला इकाई की अध्यक्ष मंगला शर्मा ने कहा कि मीरपुर मथेलो की निवासी रिंकल कुमारी (17) को अपहरण किया गया था
लड़की का धर्म परिवर्तन कराया गया फिर 24 फरवरी को नावीद शाह नाम के एक मुस्लिम युवक से उसकी शादी करा दी गयी। शर्मा ने कहा कि लड़की को जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया गया, हम सरकार से मांग करते है कि लड़की को उसकी इच्छा के मुताबित उसके माता पिता को सौप दिया जाए।
शर्मा ने कहा कि हमने हिंदू समुदाय ने हिंदू लड़कियों और मुस्लिम लड़कों की शादी से जुड़े अन्य मसलों में दखल नहीं दिया है क्योंकि वे उनकी स्वेच्छा से होती है लेकिन यह मामला जबरन का है। पाकिस्तान में ऐसी घटनाए पहले भी होती थी लेकिन अब ज्यादा ही हो रही है। केवल कराची में ही हर महिने 15-20 लड़कियों के साथ ऐसी घटनाएं होती है।
यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के ग्रामीण इलाके की है जहां हिंदू समुदाय की एक नाबालिग लड़की की शादी जबरन एक मुसलमान युवक के साथ करा दी गयी है। पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के सदस्यों ने सरकार से मांग की कि जबरन धर्मपरिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन कड़े कदम उठाए। महिला इकाई की अध्यक्ष मंगला शर्मा ने कहा कि मीरपुर मथेलो की निवासी रिंकल कुमारी (17) को अपहरण किया गया था
लड़की का धर्म परिवर्तन कराया गया फिर 24 फरवरी को नावीद शाह नाम के एक मुस्लिम युवक से उसकी शादी करा दी गयी। शर्मा ने कहा कि लड़की को जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया गया, हम सरकार से मांग करते है कि लड़की को उसकी इच्छा के मुताबित उसके माता पिता को सौप दिया जाए।
शर्मा ने कहा कि हमने हिंदू समुदाय ने हिंदू लड़कियों और मुस्लिम लड़कों की शादी से जुड़े अन्य मसलों में दखल नहीं दिया है क्योंकि वे उनकी स्वेच्छा से होती है लेकिन यह मामला जबरन का है। पाकिस्तान में ऐसी घटनाए पहले भी होती थी लेकिन अब ज्यादा ही हो रही है। केवल कराची में ही हर महिने 15-20 लड़कियों के साथ ऐसी घटनाएं होती है।
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