अंततः रजा की गिरफ़्तारी संभव हो ही गई.पर प्रश्न ये आता है की अभी बहोत रजा बाकि है. जमीन से लेकर इस देश की वायु में मौजूद असंख्य रजा आज हिंदुस्तान में खुले आम घूम रहे है.
बस उन्हें कोई गिरफ्तार नहीं करता क्युकी उनका कोई एक चेहरा नहीं है. इस सरकार में, इनके अस्तित्व की हर अंश में ऐसे अनगिनत रजा भरे पड़े है. ये हिंदुस्तान का एक भीषण वास्तव है की
सामान्य आदमी ये सब असानिसे भूल जाता है और फिरसे उसपर ही अपने मतोका विचार करता है. जो भी हो रजा गिरफ्तार होगया.
पर कब तक ?? ये सब से बड़ा प्रश्न है. में इस पर और जादा नहीं लेख सकता क्युकी इस केस का कोई भविष्य नहीं है. बस कुछ दिन ये नाटक चलेगा फिर कोई नया मुद्दा सामने आएगा और फिर कोई चर्चा... यही है भारतीय संविधानिक राजनीती....
-भाग्यतुषार
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